GAV Senior Secondary School, Kangra
गुरु तेरे उपकार का, कैसे चुकाऊं मैं मोल, लाख कीमती धन भला, गुरु हैं मेरे अनमोल। गुरुदेव के श्रीचरणों में श्रद्धा सुमन संग वंदनजिनके कृपा नीर से जीवन हुआ चंदन धरती कहती,अंबर कहते ,कहती यही तराना। गुरू आप ही पावन नूर हैंजिनसे रौशन हुआ जमाना मेरा नमन हर शिक्षक को !जीएवी सीनियर सेकैंडरी स्कूल कांगड़ा में भारत के राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्म दिवस व शिक्षक दिवस पर विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन कर शिक्षक दिवस को बड़ी धूमधाम से मनाया। स्कूल की प्रधानाचार्या श्री मती अंजू रत्न जी ने इस मौके पर विद्यार्थियों को सम्मानित करते हुए अपने संदेश में कहा कि पारस पत्थर से भी मूल्यवान शिक्षक का कद है। पारस तो लोहे को मात्र सोना ही बनाता है, लेकिन गुरू अपने शिष्य को अपने समान बना लेता है। शिक्षक के बिना सत्य का साक्षात्कार नहीं किया जा सकता है। जिस प्रकार सुनार सोने को पिघलाकर उसे आकार देता है, ठीक उसी प्रकार गुरू अपने शिष्य को ज्ञान देकर उसे सफलता की बुलंदियों पर पहुंचाता है। हमारे जीवन के पहले गुरू माता-पिता होते हैं, जो हमें इस संसार से अवगत कराते हैं। वहीं दूसरे गुरू शिक्षक होते हैं, जो हमें सांसारिक बोध करवाते हैं। भारतीय संस्कृति में गुरू को ईश्वर का स्वरूप माना गया है। शिक्षकों के सम्मान में प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षकों का विद्यार्थियों के जीवन में विशेष महत्व होता है ।और गुरूओं का मान सम्मान करना प्रत्येक विद्यार्थी का परम् कर्तव्य होना चाहिए, के साथ सभी को शिक्षक दिवस की बधाई दी।+12